Unbounded Love By Niketan Toshan
Unbounded Love
By
Niketan Toshan
(Part 1)
=======================
मैं अजय, भोपाल मै रहता हूं। 22 साल का लड़का जो अपनी पढ़ाई पूरी कर अब अपने पापा का शॉप संभाल रहा था।
भोपाल मैं बारिश कभी नही रूकती, बड़े बड़े पहाड़ों से नदिया कल कल बेहेति है, हरे पेड़ों से भरे वो पहाड़ ऐसा लगते मानो आसमान को छु रहे हो। वादे कसमे कभी लेना हो तो पहाड़ो के लो, कभी नही झुकते वो कायम रहते है।
अब तक पढ़ाई मैं था, कभी इधर उधर ध्यान गया ही नही, क्लास मैं दोस्त थे तो कभी एकेला नही लगा, न कभी किसी की जरूरत पड़ी, पर अब शॉप मैं रहते, लड़के लड़की को देख लगता था कि मेरे पास कुछ कम है, पर क्या पता नही था। वो तो पता चलने ही वाला था जल्दी ही।
07/07/2016 का दिन था।
भोपाल के न्यू मार्केट गया था अपने शॉप का सामान लेने, पर जो शॉप जाना था वो बंद हो गया था, पर मैं सोच लिया कि थोड़ा मार्केट घूम लेता हूं, काफी दिन बाद जो आना हुआ था, मार्केट मैं लड़का लड़की मस्त हाथों मैं हाथे डाल घूमते, मैं भी उनको देख मन ही मन खुश हो जा रहा था, पर मुझे लडकी को देख नही कुछ लगा जो उनके साथ घूम रहे थे लड़को को देख लग रहा था।
स्टोरँग हाथ लड़को के दाढ़ी उनकी, गले की चैन कुछ ज्यादा ही आकर्षित कर रही थी।
I dont knw but मेरी नजरं ज्यादा ही भटक रही थी।
न्यू मार्केट कुछ ज्यादा ही गल्ली से भरा है, जो गली घूसों वह शॉप, और शॉप के ओनर भी काफ़ी atractive, आज उन सबको देख मेरी दिल की धड़कनें काफी उछाल रही थी।
शाम 7 बज गए थे, मैं अपनी ब्लैक पल्सर लाया था।
घर मेरा पिपलानी पेट्रोल पंप के पास था।
प्रताप नगर चौराहे आया और तेज बारिश चालू हो गई।
मैं रास्ते के साइड मैं खड़ा हो गया।
बारिश इतनी तेज थी कि मैं एक मीन मैं गिला हो गया। रोड की साइड मैं पुथपात पर खड़ा था।
तभी भुट्टे वाला आया अपनी हाथ गाड़ी लेकर, मस्त कवर कर था वो, आग जल रही थी उसकी भट्टि मैं और वो एक एक कॉर्न को पक्का रहा था, गाड़ी पर उसके बैटरी भी थी और गाने भी बज रहे थे “एक लड़की भीगी भागी सी” आज वो ओल्ड सॉन्ग माहौल कर रहा था।
बारिश से बचते उसके शेड मैं चला गया, भट्टी पर हाथ रख थोड़ा गरम किया, और भुट्टा फिर हाथ मैं लीए गरम गरम खाने लग गया, लिम्बु नामक चाट मसाला से मस्त लग रहा था, बारिश अपने साथ तेज ठंडी हवा भी ला रहा था।
मैं पूरा गिला हो गया था। ठंड भरणे लगी थी।
पेड़ो की फूल जैसे तेज हवाओं मैं लहराते ऐसे मैं कापने लगा था।
उसका सॉन्ग चेंग हुआ फिर इला अरुण का famouse सॉन्ग लगा “झिर मीर मेहोंनो बरसे”( जरूर सुना)
तभी एक लडका बारिश मैं गिला भागते हुए मेरे साइड मैं खडा हो गया।
26 का होगा वो , सफेद शर्ट पूरी गीली हो गई थी। जिसे उसकी बनियान दिखाई दे रही थी। टाइट ब्लैक जीन्स उसका, 5.9 हाइट थी उसकी 75 kg, लंबी नाक, थोड़े बड़े लिप्स थे, दाढ़ी उसकी full, कटोरी कट हेयर कट उसकी। कान मैं एक स्टोन।
उसपर ये जो सॉन्ग बज रहा था, मैं उसको देखते रहा।
वो मेरे तरफ़ देख बोला “तुम पिपलानी तक जा रहे?”
मैं देखते ही रहा।
वो- पिपलानी???
मैं एक दम अपने खयालो से वापस आंके बोला
मै- हा
वो- मेरा वॉलेट मार लिया ISBT पर पैसे नही।
मै- कोई दिकत की बात नही, मैं ड्राप कर देता।
थोड़ी बारिश भी कम हुई, मैं अपनी बाइक निकाल उसके तरफ देख बोला
“आओ”
उसने मेरे कंधो पर हाथ रखा, उसके स्ट्रॉन्ग हाथ ठंड मैं भी गरम थे।
और मेरी आँखें खुली गई एक दम ठंड मैं गरम हाथ से ।
बाकी कल
===============================
कभी कभी फीलिंग्स आने को टाइम लगता, और बारिश उसमे अपना रंग भर देती।
By
Niketan Toshan
(Part 1)
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मैं अजय, भोपाल मै रहता हूं। 22 साल का लड़का जो अपनी पढ़ाई पूरी कर अब अपने पापा का शॉप संभाल रहा था।
भोपाल मैं बारिश कभी नही रूकती, बड़े बड़े पहाड़ों से नदिया कल कल बेहेति है, हरे पेड़ों से भरे वो पहाड़ ऐसा लगते मानो आसमान को छु रहे हो। वादे कसमे कभी लेना हो तो पहाड़ो के लो, कभी नही झुकते वो कायम रहते है।
अब तक पढ़ाई मैं था, कभी इधर उधर ध्यान गया ही नही, क्लास मैं दोस्त थे तो कभी एकेला नही लगा, न कभी किसी की जरूरत पड़ी, पर अब शॉप मैं रहते, लड़के लड़की को देख लगता था कि मेरे पास कुछ कम है, पर क्या पता नही था। वो तो पता चलने ही वाला था जल्दी ही।
07/07/2016 का दिन था।
भोपाल के न्यू मार्केट गया था अपने शॉप का सामान लेने, पर जो शॉप जाना था वो बंद हो गया था, पर मैं सोच लिया कि थोड़ा मार्केट घूम लेता हूं, काफी दिन बाद जो आना हुआ था, मार्केट मैं लड़का लड़की मस्त हाथों मैं हाथे डाल घूमते, मैं भी उनको देख मन ही मन खुश हो जा रहा था, पर मुझे लडकी को देख नही कुछ लगा जो उनके साथ घूम रहे थे लड़को को देख लग रहा था।
स्टोरँग हाथ लड़को के दाढ़ी उनकी, गले की चैन कुछ ज्यादा ही आकर्षित कर रही थी।
I dont knw but मेरी नजरं ज्यादा ही भटक रही थी।
न्यू मार्केट कुछ ज्यादा ही गल्ली से भरा है, जो गली घूसों वह शॉप, और शॉप के ओनर भी काफ़ी atractive, आज उन सबको देख मेरी दिल की धड़कनें काफी उछाल रही थी।
शाम 7 बज गए थे, मैं अपनी ब्लैक पल्सर लाया था।
घर मेरा पिपलानी पेट्रोल पंप के पास था।
प्रताप नगर चौराहे आया और तेज बारिश चालू हो गई।
मैं रास्ते के साइड मैं खड़ा हो गया।
बारिश इतनी तेज थी कि मैं एक मीन मैं गिला हो गया। रोड की साइड मैं पुथपात पर खड़ा था।
तभी भुट्टे वाला आया अपनी हाथ गाड़ी लेकर, मस्त कवर कर था वो, आग जल रही थी उसकी भट्टि मैं और वो एक एक कॉर्न को पक्का रहा था, गाड़ी पर उसके बैटरी भी थी और गाने भी बज रहे थे “एक लड़की भीगी भागी सी” आज वो ओल्ड सॉन्ग माहौल कर रहा था।
बारिश से बचते उसके शेड मैं चला गया, भट्टी पर हाथ रख थोड़ा गरम किया, और भुट्टा फिर हाथ मैं लीए गरम गरम खाने लग गया, लिम्बु नामक चाट मसाला से मस्त लग रहा था, बारिश अपने साथ तेज ठंडी हवा भी ला रहा था।
मैं पूरा गिला हो गया था। ठंड भरणे लगी थी।
पेड़ो की फूल जैसे तेज हवाओं मैं लहराते ऐसे मैं कापने लगा था।
उसका सॉन्ग चेंग हुआ फिर इला अरुण का famouse सॉन्ग लगा “झिर मीर मेहोंनो बरसे”( जरूर सुना)
तभी एक लडका बारिश मैं गिला भागते हुए मेरे साइड मैं खडा हो गया।
26 का होगा वो , सफेद शर्ट पूरी गीली हो गई थी। जिसे उसकी बनियान दिखाई दे रही थी। टाइट ब्लैक जीन्स उसका, 5.9 हाइट थी उसकी 75 kg, लंबी नाक, थोड़े बड़े लिप्स थे, दाढ़ी उसकी full, कटोरी कट हेयर कट उसकी। कान मैं एक स्टोन।
उसपर ये जो सॉन्ग बज रहा था, मैं उसको देखते रहा।
वो मेरे तरफ़ देख बोला “तुम पिपलानी तक जा रहे?”
मैं देखते ही रहा।
वो- पिपलानी???
मैं एक दम अपने खयालो से वापस आंके बोला
मै- हा
वो- मेरा वॉलेट मार लिया ISBT पर पैसे नही।
मै- कोई दिकत की बात नही, मैं ड्राप कर देता।
थोड़ी बारिश भी कम हुई, मैं अपनी बाइक निकाल उसके तरफ देख बोला
“आओ”
उसने मेरे कंधो पर हाथ रखा, उसके स्ट्रॉन्ग हाथ ठंड मैं भी गरम थे।
और मेरी आँखें खुली गई एक दम ठंड मैं गरम हाथ से ।
बाकी कल
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कभी कभी फीलिंग्स आने को टाइम लगता, और बारिश उसमे अपना रंग भर देती।
Unbounded Love
By
Niketan Toshaan
(Part 2)
====================
मुझे झटकासा लग गया, मैं बिना गियर डाले ही एक्सलिटेर बढ़ा रहा था, पर गाडी सामने जा ही नही थी।
वो बोला “गियर तोह डाल”
फिर मेरे ध्यान आया और गियर डालते झटका लग के सामने गया। वो चिपक गया मुझे।
मैं- सॉरी सॉरी
वो कंधे हाथ रखा पीछे हो गया।
और बाइक शुरू हो गई, हल्की बुन्दे थी पर तेज हवा भी थी। साइड के मिरर से उसको एक नजर देख भी लिया करता था, वो इधर उधर देखता रहता था।
हवा तेज हो गई, मैं पिपलानी के पास पोहोच गया
मी- तुम रहेते कहा हो??
उसको सुनाई नही दिया, वो अपने मुह को मेरे कंधे के पास लाया, तेज गरम सास उसकी मेरे गरदन पर महसूस होने लगी।
वो- RK हॉस्पिटल के पास
मी- तुम्हें ड्रॉप कर देता वहा, बारिश काफी है।
वो- ठीक है।
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Niketan Toshaan
(Part 2)
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मुझे झटकासा लग गया, मैं बिना गियर डाले ही एक्सलिटेर बढ़ा रहा था, पर गाडी सामने जा ही नही थी।
वो बोला “गियर तोह डाल”
फिर मेरे ध्यान आया और गियर डालते झटका लग के सामने गया। वो चिपक गया मुझे।
मैं- सॉरी सॉरी
वो कंधे हाथ रखा पीछे हो गया।
और बाइक शुरू हो गई, हल्की बुन्दे थी पर तेज हवा भी थी। साइड के मिरर से उसको एक नजर देख भी लिया करता था, वो इधर उधर देखता रहता था।
हवा तेज हो गई, मैं पिपलानी के पास पोहोच गया
मी- तुम रहेते कहा हो??
उसको सुनाई नही दिया, वो अपने मुह को मेरे कंधे के पास लाया, तेज गरम सास उसकी मेरे गरदन पर महसूस होने लगी।
वो- RK हॉस्पिटल के पास
मी- तुम्हें ड्रॉप कर देता वहा, बारिश काफी है।
वो- ठीक है।
उसने गल्ली गल्ली से घुमा के अपने घर ले गया।
मैं भी इतनी गलियों को देख चकरा गया था। एक घर के सामने रोक कर वो बोला
“ ये मेरा घर”
मी- अच्छा है।
गाड़ी से मैं जाने निकला और वो मुझे देख बोलता
“तुम अपना नम्बर देदो, मैं कांटेक्ट करूँगा तुम्हें।”
मैं- 975723****
मैं उसको देख अपने घर चला आया।
घर आते ही सर पकड़ लिया मेरा, और कपड़े चेंज कर खाना खा लिया।
रात को क़रीब 9 बजे उसका व्हाट्सएप्प msg आया।
“ hi thanks for lift buddy, it's Peter Paul”
MAi उसका msg देख मेरा सर का दर्द भाग गया, मैं भी उसको तुरंत रिप्लाई दिया।
“I am Ajay, thanks ki koi bat nhi”
He- so tum karte kya ho}?
Me- B.com hua mera , abhi shop sambhalta papa ka
He- ok...mai job kar raha, yha Bansal collage mai.
Me-ohhhh, khana hua}?
He- ha tera?
Me- ha hua.
He- ok great, तुम रहते कौनसे एरिया मैं।
मी- पिपलानी पेट्रोल पंप के पीछे।
He- ओक,ठीक मिलों कल। गाड़ी सर्विसिंग के लिए डाला हु, तुम ड्राप कर देना शोरूम।
मैं- ठीक है।
He- गुड नाईट
मैं- gn
मैं भी इतनी गलियों को देख चकरा गया था। एक घर के सामने रोक कर वो बोला
“ ये मेरा घर”
मी- अच्छा है।
गाड़ी से मैं जाने निकला और वो मुझे देख बोलता
“तुम अपना नम्बर देदो, मैं कांटेक्ट करूँगा तुम्हें।”
मैं- 975723****
मैं उसको देख अपने घर चला आया।
घर आते ही सर पकड़ लिया मेरा, और कपड़े चेंज कर खाना खा लिया।
रात को क़रीब 9 बजे उसका व्हाट्सएप्प msg आया।
“ hi thanks for lift buddy, it's Peter Paul”
MAi उसका msg देख मेरा सर का दर्द भाग गया, मैं भी उसको तुरंत रिप्लाई दिया।
“I am Ajay, thanks ki koi bat nhi”
He- so tum karte kya ho}?
Me- B.com hua mera , abhi shop sambhalta papa ka
He- ok...mai job kar raha, yha Bansal collage mai.
Me-ohhhh, khana hua}?
He- ha tera?
Me- ha hua.
He- ok great, तुम रहते कौनसे एरिया मैं।
मी- पिपलानी पेट्रोल पंप के पीछे।
He- ओक,ठीक मिलों कल। गाड़ी सर्विसिंग के लिए डाला हु, तुम ड्राप कर देना शोरूम।
मैं- ठीक है।
He- गुड नाईट
मैं- gn
मैं ऑफलिने हो गया, और मन ही मन हँसने लगा, बस उछालना रहे गया था मेरा,
दूसरे दिन सुबह 11 के करीब उसका कॉल आया , वो १२ तक मुझे पिपलानी पैट्रोल पंप के सामने मिलने को बुलाया।
मैं रेड टीशर्ट पेहेन परफ़्यूम मारके बालो को जेल लगा के गया।
वो आज ब्लैक शर्ट मैं था, मैं उसको देख एक दम बड़ी स्माइल दी
वो मुझे देख बोला “ तेरे बड़े एहसान मेरे पर, चल पेट्रोल पंप पेट्रोल डाल देता”
मैं एक दम ना ना बोल उसका हाथ पकड़ बोला, “चलो कोई जरूरत नही”
वो हस कर बोला “चल थोड़ा नाश्ता करते, मैं कुछ खाया नही सुबह से”
में- यहा सामने एक मस्त होटल है, चालो तुम्हें दोसा खिलाता।
मैं उसको ले गया, गाड़ी चलाते चलते स्पीड ब्रेकेर पर उसके chest मेरे पीठ को लग रहे थें।
हम दोनों होटल में जाके बैठ गए।
२ दोसा आर्डर कर दिए, आज बारीश नही थी बस बादल थे।
ठंडी हवा थी, वहा बैठ बैठ मैं उसको देखता वो मुझे, जब नजर से नजर टकरा जाती तोह हस देते थे एक दूसरे को देख।
टेबल थोड़ा छोटा था तोह एक दूसरे के घुटने लग जाते थे ।
पर मैं try कर रहा था कि ना लग पाए।
तभी बड़ा सा दोसा आया, हम दोनों टूट पड़े, मेरी चटनी खत्म हो गई तोह मैं मांगने से पहले पीटर ही मांग लिया।
मैं उसको देखते ही रहा, उसके प्लेट मैं चटनी थी, उसका ध्यान था मेरे खानेके तारफ , पर वो वेटर थोड़ा जल्द बाजि मैं चटनी पीटर पर गिरा दिया।
पीटर की ब्लैक टीशर्ट सफेद चटनी से खराब हो गई, फिर भी हम दोनों ने खा लिया।
वेटर सॉरी बोल रहा था पर अब खराब हो गया था।
फिर हम दोनों बाथरूम चले गए उसकी टीशर्ट साफ करने।
बेसिंग के सामने वो खड़ा हो गया।
मैं उसके साइड मैं खड़ा होके देख रहा था। उसने अपनी टीशर्ट निकालने लगा।
दोनो हाथ को क्रॉस कर टीशर्ट को ऊपर खिंचा, उसका खिसका जीन्स से zoiro की अंडरवेअर दिख रही थी।
फिर वो बेसिंग मैं टीशर्ट धोने लगा।
टीशर्ट धोते उसके चेस्ट एक दम फूल गए थे, और हाथ एक दम टाइट, चेस्ट के बाल उसके । गोरी गरदन पर गोल्ड chain उसके।
मैं उसकी बॉडी देख रहा था वो मिरर से मुझे, फिर मेरा ध्यान भी मिरर के तरफ गया।
दूसरे दिन सुबह 11 के करीब उसका कॉल आया , वो १२ तक मुझे पिपलानी पैट्रोल पंप के सामने मिलने को बुलाया।
मैं रेड टीशर्ट पेहेन परफ़्यूम मारके बालो को जेल लगा के गया।
वो आज ब्लैक शर्ट मैं था, मैं उसको देख एक दम बड़ी स्माइल दी
वो मुझे देख बोला “ तेरे बड़े एहसान मेरे पर, चल पेट्रोल पंप पेट्रोल डाल देता”
मैं एक दम ना ना बोल उसका हाथ पकड़ बोला, “चलो कोई जरूरत नही”
वो हस कर बोला “चल थोड़ा नाश्ता करते, मैं कुछ खाया नही सुबह से”
में- यहा सामने एक मस्त होटल है, चालो तुम्हें दोसा खिलाता।
मैं उसको ले गया, गाड़ी चलाते चलते स्पीड ब्रेकेर पर उसके chest मेरे पीठ को लग रहे थें।
हम दोनों होटल में जाके बैठ गए।
२ दोसा आर्डर कर दिए, आज बारीश नही थी बस बादल थे।
ठंडी हवा थी, वहा बैठ बैठ मैं उसको देखता वो मुझे, जब नजर से नजर टकरा जाती तोह हस देते थे एक दूसरे को देख।
टेबल थोड़ा छोटा था तोह एक दूसरे के घुटने लग जाते थे ।
पर मैं try कर रहा था कि ना लग पाए।
तभी बड़ा सा दोसा आया, हम दोनों टूट पड़े, मेरी चटनी खत्म हो गई तोह मैं मांगने से पहले पीटर ही मांग लिया।
मैं उसको देखते ही रहा, उसके प्लेट मैं चटनी थी, उसका ध्यान था मेरे खानेके तारफ , पर वो वेटर थोड़ा जल्द बाजि मैं चटनी पीटर पर गिरा दिया।
पीटर की ब्लैक टीशर्ट सफेद चटनी से खराब हो गई, फिर भी हम दोनों ने खा लिया।
वेटर सॉरी बोल रहा था पर अब खराब हो गया था।
फिर हम दोनों बाथरूम चले गए उसकी टीशर्ट साफ करने।
बेसिंग के सामने वो खड़ा हो गया।
मैं उसके साइड मैं खड़ा होके देख रहा था। उसने अपनी टीशर्ट निकालने लगा।
दोनो हाथ को क्रॉस कर टीशर्ट को ऊपर खिंचा, उसका खिसका जीन्स से zoiro की अंडरवेअर दिख रही थी।
फिर वो बेसिंग मैं टीशर्ट धोने लगा।
टीशर्ट धोते उसके चेस्ट एक दम फूल गए थे, और हाथ एक दम टाइट, चेस्ट के बाल उसके । गोरी गरदन पर गोल्ड chain उसके।
मैं उसकी बॉडी देख रहा था वो मिरर से मुझे, फिर मेरा ध्यान भी मिरर के तरफ गया।
वो- क्या देख रहे हो?
मैं एक दम डर गया और बोल दिया
“ न कुछ नही, तुम्हारे गरदन पर चटनी है”
वो- देख क्या रहे , साफ कर दो
मैं एक दम डर गया और बोल दिया
“ न कुछ नही, तुम्हारे गरदन पर चटनी है”
वो- देख क्या रहे , साफ कर दो
मैंने टिश्यू पेपर उठाके उसके गर्दन पास लेके गया।
वो मेरे सामने खड़ा हो गया वो
“अब कहा दिख रहा कर दो”
मैं उसके चेस्ट और बॉडी को देख एक दम सुन्न हो गया था।
वो मेरी आँखों को देख रहा मैं नजर ज़ुका था।
मैं कभी ऐसा किसी को देखा नही था।
उसके गरदन को हाथ से पोछने लगा।
मेरा हाथ धीरे धीरे नीचे उसके चेस्ट पर जाने लगा।
बाकी कल
==============================
कभी कभी स्माल एक्सीडेंट भी लाइफ मैं तूफान खड़ा कर सकता।
बस जरूरत है एक्सीडेंट होने की और उससे पोस्टिव अप्प्रोच रखनेकी।
वो मेरे सामने खड़ा हो गया वो
“अब कहा दिख रहा कर दो”
मैं उसके चेस्ट और बॉडी को देख एक दम सुन्न हो गया था।
वो मेरी आँखों को देख रहा मैं नजर ज़ुका था।
मैं कभी ऐसा किसी को देखा नही था।
उसके गरदन को हाथ से पोछने लगा।
मेरा हाथ धीरे धीरे नीचे उसके चेस्ट पर जाने लगा।
बाकी कल
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कभी कभी स्माल एक्सीडेंट भी लाइफ मैं तूफान खड़ा कर सकता।
बस जरूरत है एक्सीडेंट होने की और उससे पोस्टिव अप्प्रोच रखनेकी।
Unbounded Love
By
Niketan Toshan
(Part 3)
===========================
बेसिंग का नल चालू था। कल कल पानी बह रहा था, उसकी गरम साँसे मैं महसूस करने लगा, वो मेरी आखों मैं देख रहा मैं उसके गरदन को, मैं डर भी रहा था फिर भी हिम्मत कर उसके गर्दन पर लगी चटनी साफ कर दिया।
तभी वो वेटर अंदर आया। मेरे पीछे खड़ा होके बोला “सिर टीशर्ट दीजिये मैं तंदूर पर सुखा के लाता”
मैं थोड़ा पीछे पलटा और साइड मैं हो गया।
पीटर ने टीशर्ट उसको देदी, और मेरे तरफ देखने लगा।
वो- तू शर्मा क्यू रहा?
By
Niketan Toshan
(Part 3)
===========================
बेसिंग का नल चालू था। कल कल पानी बह रहा था, उसकी गरम साँसे मैं महसूस करने लगा, वो मेरी आखों मैं देख रहा मैं उसके गरदन को, मैं डर भी रहा था फिर भी हिम्मत कर उसके गर्दन पर लगी चटनी साफ कर दिया।
तभी वो वेटर अंदर आया। मेरे पीछे खड़ा होके बोला “सिर टीशर्ट दीजिये मैं तंदूर पर सुखा के लाता”
मैं थोड़ा पीछे पलटा और साइड मैं हो गया।
पीटर ने टीशर्ट उसको देदी, और मेरे तरफ देखने लगा।
वो- तू शर्मा क्यू रहा?
फिर मेरे ध्यान आया कि मैं सच मे शर्मा रहा।
मी- न ऐसा नही।।
वो- दारू पिता?
मी- नही।
वो- पियेगा?
मी- ना, मुझे वो टेस्ट नही पसंद, ट्राय किया था पर नही पचि।
मी- न ऐसा नही।।
वो- दारू पिता?
मी- नही।
वो- पियेगा?
मी- ना, मुझे वो टेस्ट नही पसंद, ट्राय किया था पर नही पचि।
तभी वेटर टीशर्ट लेके आया, और पीटर पेहेन लिया।
हम होटल से निकले, फिर ध्यान आया कि बिल तोह दिया नही।
me- बिल रहे गया
मैं उतरा बिल देने पर पीटर पेहेले ही बिल देने के लिए बाग़ उठा। होटल का मैनेजर बिल नही मांग क्यों कि उसके एम्प्लॉयर ने टीशर्ट खराब कर दी थी।
पर फिर भी पीटर बिल दे आया।
मैं और वो शोरूम पोहोंचे, कार थी उसकी सर्विसिंग के लिए थी।
पर वो हुई नही थी। 2-३ घंटे और थे, पर मुझे मेरे शॉप मैं भी जाना था। showroom के waiting room Mai ठंडी ऐसी चल रहा था।
मैं उसको देखा और बोला “मुझे जाना पड़ेगा शॉप मैं, एक काम करता तुम बैठो मैं जाता हूँ”
me- बिल रहे गया
मैं उतरा बिल देने पर पीटर पेहेले ही बिल देने के लिए बाग़ उठा। होटल का मैनेजर बिल नही मांग क्यों कि उसके एम्प्लॉयर ने टीशर्ट खराब कर दी थी।
पर फिर भी पीटर बिल दे आया।
मैं और वो शोरूम पोहोंचे, कार थी उसकी सर्विसिंग के लिए थी।
पर वो हुई नही थी। 2-३ घंटे और थे, पर मुझे मेरे शॉप मैं भी जाना था। showroom के waiting room Mai ठंडी ऐसी चल रहा था।
मैं उसको देखा और बोला “मुझे जाना पड़ेगा शॉप मैं, एक काम करता तुम बैठो मैं जाता हूँ”
वो थोड़ा मुह उतार कर बोला “ ठीक जाओ, व्हाट्सअप पर चैट करते”
मैं जाने के निकला वो पिछेसे आया और बोला “ रुक “
मैं देखा पलट कर वो शेक हैंड कर लिया।
मैं भी हस दिया उसकी हरकत देख, वो बोला “पेरसोंलिटी डेवलपमेंट क्लास मैं बोलते”
मैं बाइक को किक मार शॉप आया,
व्हाट्सअप पर उसका msg आके था “पोहोच गए शॉप मैं?”
मै- हा पोहोच गया।
He- एक बात पुछु?
मैं जाने के निकला वो पिछेसे आया और बोला “ रुक “
मैं देखा पलट कर वो शेक हैंड कर लिया।
मैं भी हस दिया उसकी हरकत देख, वो बोला “पेरसोंलिटी डेवलपमेंट क्लास मैं बोलते”
मैं बाइक को किक मार शॉप आया,
व्हाट्सअप पर उसका msg आके था “पोहोच गए शॉप मैं?”
मै- हा पोहोच गया।
He- एक बात पुछु?
मैं सोचा कि यह अब क्या पूछेगा।
मैं- हा बोलो।
वो- तुम बाथरूम मैं इतना शर्मा क्यों रहे थे?
मैं डर ही गया, की ऐसा क्यों बोल दिया वो, मैं रिप्लाई किया ही नही, कही मैं उसको बोल देता और वो धमकाता मरता या कुछ भी करता। क्यों की न मैं उसको जानता नही, ना वो कैसा है?
10 मीन बाद
वो- डरमत,actully I like boys, and u r cute....
Mai vo padha डर ही गया, क्यों कि १००० सवाल मेरे दिमाग मैं आने लगे।
मैं ऑफलिने हो गया, और मोबइल बंद कर शॉप में काम करने लगा।
पर मन नही लग रहा था, क्यों कि वो क्यूट था , और ऐसा बोल दिया था वो, मैं शॉप मैं बैठे बैठे 7 बज गए रात के, पापा आये शॉप संभालने, मैं शॉप से जाने को निकला तभी
पीटर अपनी कार लेके आया, मेरे शॉप के सामने।
मैं एक दम दर गया, की पापा के सामने कुछ करेगा तोह नही?
मैं उसके होर्न बजाते ही ड्राइवर विन्डो साइड गया, गाड़ी से एक दम सही फ्रेशनर का सुगन्द आने लगा।
वो- चलो घूम के आते।
मैं सोचमें गिर गया, की ना बोलू तोह यह कुछ करेगा तोह नही, और है बोलू तर कुछ मरेगा तोह नही।
मैं- हा बोलो।
वो- तुम बाथरूम मैं इतना शर्मा क्यों रहे थे?
मैं डर ही गया, की ऐसा क्यों बोल दिया वो, मैं रिप्लाई किया ही नही, कही मैं उसको बोल देता और वो धमकाता मरता या कुछ भी करता। क्यों की न मैं उसको जानता नही, ना वो कैसा है?
10 मीन बाद
वो- डरमत,actully I like boys, and u r cute....
Mai vo padha डर ही गया, क्यों कि १००० सवाल मेरे दिमाग मैं आने लगे।
मैं ऑफलिने हो गया, और मोबइल बंद कर शॉप में काम करने लगा।
पर मन नही लग रहा था, क्यों कि वो क्यूट था , और ऐसा बोल दिया था वो, मैं शॉप मैं बैठे बैठे 7 बज गए रात के, पापा आये शॉप संभालने, मैं शॉप से जाने को निकला तभी
पीटर अपनी कार लेके आया, मेरे शॉप के सामने।
मैं एक दम दर गया, की पापा के सामने कुछ करेगा तोह नही?
मैं उसके होर्न बजाते ही ड्राइवर विन्डो साइड गया, गाड़ी से एक दम सही फ्रेशनर का सुगन्द आने लगा।
वो- चलो घूम के आते।
मैं सोचमें गिर गया, की ना बोलू तोह यह कुछ करेगा तोह नही, और है बोलू तर कुछ मरेगा तोह नही।
वो- क्या सोच रहे हो?
मैं चुप चाप उसकी कार मैं बैठा गया, वो पंजाबी सॉन्ग लगा दिया।
कार अपनी स्पीड पकड़ एक सुनसान रोड के तरफ जाने लगी, मैं उसको देख बोला “किधर जा रहे?”
वो- चलो एक झरना दिखता, बारिश मैं अच्छा दिखता।
में- इतनी रात को?
उनसे विन्डो नीचे कर दिया, सॉन्ग बैंड कर दिया, नीचे जाते विन्डो एक ठंडी हवा अंदर आने लगी,घने बादल उसमे चमक रही थी काफी दूर बिजली।
कार मैं पूरा अंधेरा था, 60-70 की स्पीड थी।
मुझे ठंड लगने लगी, उसने अंधेरे मैं मेरा हाथ पकड़ लिया, उसका गरम हाथ मेरे ठंडे हाथ को लगते एक करंट सा लगा। मुझे अच्छा लगा मैं पकड़ने दिया, मैं उसको देखा वो मुझे, और गाड़ी टर्न होक एक जंगल के रास्ते अंदर गई।
घने पेड़ो के बीच एक रास्ता जा रहा था, कार की headlight से सब दिख रहा था, मैं ठंडा पड़ते गया और दिल की धड़कनें तेज तेज होते गई, हाथ को पसीना आने लगा।
फिर कार रुक गई, वो बाहर निकला, मुझे भी बाहर आने का इशारा किया, मैं भी अन्धेरे मैं डर कर कार से नीचे उतरा, उसने मोबाइल की टोर्च निकाल कर मेरा हाथ पकड़ लिया और एक पैदल रास्ते से अंदर ले गया।
रास्ते से जाते जाते एक दम तेज नदी बेहेने की आवाज आने लगी, कल कल बहता झरना था, पानी काफी तेज बाह रहा था।
फिर थोड़ चल एक दम रास्ता खत्म मोबाइल टॉर्च बंद कर दिया।
फिर एक मीन बाद अंधेरे मैं एक पहाड़ से ऊपर से बहता झरना मुझे साफ साफ दिखने लगा।
ऐसा लग रहा था मानो बादलो से पानी नीचे गिर रहा हो, मैं वो पानी देख इतना खुश हो गया कि पलट कर उसको देखा “क्या सही है”
वो- आओ यह चटान है, वह बेठाते है।
Mai aur vo बैठ गए।
अंधेरा था पूरा, पर आँखे अपनी अंधेरे मैं देखने लगे सकती ।
उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया, थोड़ा भारी था पर गरम था, ठंड़ी हवा चल रही थी,
मैं- तुम दोपहर को क्या बोले
वो- I like you
Me- par yar we r boys
Vo- I know ...But yeh bhi sach hai Tume bhi boys mai intrest hai.... T-shirt patla tha tha...Tume dekh liya tha mai..
Mai uska hath hata diya...
Vo- tum dar kyu rhe? If u like me, I like u, than what's your problem}?
Me- yes I like you, u r handsome par log kya bolenge}?
He- sabko dikhana thodi hai...
Me- nhi yar chalo ghar chalte....
मैं चुप चाप उसकी कार मैं बैठा गया, वो पंजाबी सॉन्ग लगा दिया।
कार अपनी स्पीड पकड़ एक सुनसान रोड के तरफ जाने लगी, मैं उसको देख बोला “किधर जा रहे?”
वो- चलो एक झरना दिखता, बारिश मैं अच्छा दिखता।
में- इतनी रात को?
उनसे विन्डो नीचे कर दिया, सॉन्ग बैंड कर दिया, नीचे जाते विन्डो एक ठंडी हवा अंदर आने लगी,घने बादल उसमे चमक रही थी काफी दूर बिजली।
कार मैं पूरा अंधेरा था, 60-70 की स्पीड थी।
मुझे ठंड लगने लगी, उसने अंधेरे मैं मेरा हाथ पकड़ लिया, उसका गरम हाथ मेरे ठंडे हाथ को लगते एक करंट सा लगा। मुझे अच्छा लगा मैं पकड़ने दिया, मैं उसको देखा वो मुझे, और गाड़ी टर्न होक एक जंगल के रास्ते अंदर गई।
घने पेड़ो के बीच एक रास्ता जा रहा था, कार की headlight से सब दिख रहा था, मैं ठंडा पड़ते गया और दिल की धड़कनें तेज तेज होते गई, हाथ को पसीना आने लगा।
फिर कार रुक गई, वो बाहर निकला, मुझे भी बाहर आने का इशारा किया, मैं भी अन्धेरे मैं डर कर कार से नीचे उतरा, उसने मोबाइल की टोर्च निकाल कर मेरा हाथ पकड़ लिया और एक पैदल रास्ते से अंदर ले गया।
रास्ते से जाते जाते एक दम तेज नदी बेहेने की आवाज आने लगी, कल कल बहता झरना था, पानी काफी तेज बाह रहा था।
फिर थोड़ चल एक दम रास्ता खत्म मोबाइल टॉर्च बंद कर दिया।
फिर एक मीन बाद अंधेरे मैं एक पहाड़ से ऊपर से बहता झरना मुझे साफ साफ दिखने लगा।
ऐसा लग रहा था मानो बादलो से पानी नीचे गिर रहा हो, मैं वो पानी देख इतना खुश हो गया कि पलट कर उसको देखा “क्या सही है”
वो- आओ यह चटान है, वह बेठाते है।
Mai aur vo बैठ गए।
अंधेरा था पूरा, पर आँखे अपनी अंधेरे मैं देखने लगे सकती ।
उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया, थोड़ा भारी था पर गरम था, ठंड़ी हवा चल रही थी,
मैं- तुम दोपहर को क्या बोले
वो- I like you
Me- par yar we r boys
Vo- I know ...But yeh bhi sach hai Tume bhi boys mai intrest hai.... T-shirt patla tha tha...Tume dekh liya tha mai..
Mai uska hath hata diya...
Vo- tum dar kyu rhe? If u like me, I like u, than what's your problem}?
Me- yes I like you, u r handsome par log kya bolenge}?
He- sabko dikhana thodi hai...
Me- nhi yar chalo ghar chalte....
Mai utha wha se sur usne hath pakad liya...aur niche betha diya...
Mere galo par apne गरम हाथ लगा कर मेरे पास अपना मुंह लेके आया।
उसकी गरम सासे महसूस होने लगी, मेरी भी धड़कने तेज होने लगी और बस उसने चुम लिया मेरे ओठो को।
मैं भी उसको चूमने लगा, धीरे धीरे उसने हाथ को गालो से लेके बालो मैं ले गया। मैं दाये हाथ से उसके गर्दन और बाये हाथ को कमर मै डाल दिया।
बस एक दूसरे को किस करने लगे।
मेरी भी तेज धड़कन शांत सी हो गई, और बस मैं पीछे कर लिया अपने फेस को, वो मुझे देख हस कर बोला।
वो- अब ठीक है?
मैं- ha
तभी बारिश शुरू हो गई हल्की हल्की, और हम दोनों भागे कार की तरफ, बस कार मैं बैठा गए और तेज बारिश शुरू हो गई, तेज बूंदो से गाड़ी की छत टप टप बजने लगी।
भागने ने मेरे भी सासे तेज होने लगी। थोड़ा पसीना आ गया मुझे, वो कार का लाईट ऑन कर मुझे देखना लगा।
मैं पसीना पोछ लिया, उसको देखते ही फिर धड़कन तेज हो गई।
बस उसके गालो को पकड़ kiss करने लगा।
वो एक हाथ से लाइट बंद कर दिया।
हम दोनो भी अपनी हदे भूल गये। बंद कार मैं गर्मी इतनी बढ़ा गई कि ग्लास पर पानी जमा हो गया।
पसीने से लिपटे हम दोनों, ना होश की तूफानी बारिश मैं सुन सान जंगल मे है। ना किसी बात का डर, बढती तूफानी बारिश और उसके साथ बढ़ती हमारी हदे, कार को भी अपने जगह से हिलाने लगी।
दर्द से भारी आवाजे तूफान मैं कही दबसी गई।
रात के १० बज गए, हम दोनों थके हारे कार की सीट को पीछे कर लेट गए थे।
ना वो कुछ बोलने की कंडीशन मैं था न मैं।
बाकी कल
=====================================
तूफान जब आता सब हदे तोड़ देता,फिर वो नैसर्गिक हो या इंसान के जीवन मे।।।।
Mere galo par apne गरम हाथ लगा कर मेरे पास अपना मुंह लेके आया।
उसकी गरम सासे महसूस होने लगी, मेरी भी धड़कने तेज होने लगी और बस उसने चुम लिया मेरे ओठो को।
मैं भी उसको चूमने लगा, धीरे धीरे उसने हाथ को गालो से लेके बालो मैं ले गया। मैं दाये हाथ से उसके गर्दन और बाये हाथ को कमर मै डाल दिया।
बस एक दूसरे को किस करने लगे।
मेरी भी तेज धड़कन शांत सी हो गई, और बस मैं पीछे कर लिया अपने फेस को, वो मुझे देख हस कर बोला।
वो- अब ठीक है?
मैं- ha
तभी बारिश शुरू हो गई हल्की हल्की, और हम दोनों भागे कार की तरफ, बस कार मैं बैठा गए और तेज बारिश शुरू हो गई, तेज बूंदो से गाड़ी की छत टप टप बजने लगी।
भागने ने मेरे भी सासे तेज होने लगी। थोड़ा पसीना आ गया मुझे, वो कार का लाईट ऑन कर मुझे देखना लगा।
मैं पसीना पोछ लिया, उसको देखते ही फिर धड़कन तेज हो गई।
बस उसके गालो को पकड़ kiss करने लगा।
वो एक हाथ से लाइट बंद कर दिया।
हम दोनो भी अपनी हदे भूल गये। बंद कार मैं गर्मी इतनी बढ़ा गई कि ग्लास पर पानी जमा हो गया।
पसीने से लिपटे हम दोनों, ना होश की तूफानी बारिश मैं सुन सान जंगल मे है। ना किसी बात का डर, बढती तूफानी बारिश और उसके साथ बढ़ती हमारी हदे, कार को भी अपने जगह से हिलाने लगी।
दर्द से भारी आवाजे तूफान मैं कही दबसी गई।
रात के १० बज गए, हम दोनों थके हारे कार की सीट को पीछे कर लेट गए थे।
ना वो कुछ बोलने की कंडीशन मैं था न मैं।
बाकी कल
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तूफान जब आता सब हदे तोड़ देता,फिर वो नैसर्गिक हो या इंसान के जीवन मे।।।।
Unbounded Love
By
Niketan Toshan
(Last Part)
===========================
तभी मेरे माँ का कॉल आ गया। कहा है पूछ रही थी, मैं उससे इशारा किया चलने का, उसने गाड़ी का गियर डाला और उसने मेरे शॉप के सामने ड्राप कर दिया।
मैं अपने घर आया , खाना खाके उसका कॉल आया।
मै और वो रात के 02 बजे तक बात करते बैठे, फिर वो भी बात करते करते सो गया मैं भी, जिओ थाना फ्री कॉलिंग वाला इसलिये।
दूसरे दिन उठा बदन मैं दर्द था थोड़ा, गर्दन पर नाखून के निशान से आ गए थे।
मैं फुल शर्ट पेहेन लिया, उसका msg आया कि शाम को मिलते करके।
मैं भी शॉप मैं बैठ उसके साथ दिन भर व्हाट्सएप्प msg करने कर रहा था।
मै सब पूछ लिया को gf थी या bf था क्या कुछ, बड़ा सिंपल था वो, with लॉट्स ऑफ ड्रीम।
मैं वाइट् कर रहा था कि कब शाम होती और मैं मिलता उससे।
बस 7 बज गए पापा मेरे शॉप मैं आ गए और उधर से पीटर भी अपनी बाइक लेके आ गया।
यामाहा की FZ थी उसकी।
मैं बड़ी सी स्माइल देके उसको बाइक पर बैठा गया।
उसके कमर पर हाथ रख दिया, ग्रीन टीशर्ट पेहेन था वो, वो बाइक चला रहा था, मै उसके टीशर्ट मैं अंगुठा डाल दिया और सहलाने लगा।
कोई और देखता उनको लगता कि रखा है। उसकी कमर इतनी सॉफ्ट थी कि बस सहलाने मैं अच्छा लग रहा था।
By
Niketan Toshan
(Last Part)
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तभी मेरे माँ का कॉल आ गया। कहा है पूछ रही थी, मैं उससे इशारा किया चलने का, उसने गाड़ी का गियर डाला और उसने मेरे शॉप के सामने ड्राप कर दिया।
मैं अपने घर आया , खाना खाके उसका कॉल आया।
मै और वो रात के 02 बजे तक बात करते बैठे, फिर वो भी बात करते करते सो गया मैं भी, जिओ थाना फ्री कॉलिंग वाला इसलिये।
दूसरे दिन उठा बदन मैं दर्द था थोड़ा, गर्दन पर नाखून के निशान से आ गए थे।
मैं फुल शर्ट पेहेन लिया, उसका msg आया कि शाम को मिलते करके।
मैं भी शॉप मैं बैठ उसके साथ दिन भर व्हाट्सएप्प msg करने कर रहा था।
मै सब पूछ लिया को gf थी या bf था क्या कुछ, बड़ा सिंपल था वो, with लॉट्स ऑफ ड्रीम।
मैं वाइट् कर रहा था कि कब शाम होती और मैं मिलता उससे।
बस 7 बज गए पापा मेरे शॉप मैं आ गए और उधर से पीटर भी अपनी बाइक लेके आ गया।
यामाहा की FZ थी उसकी।
मैं बड़ी सी स्माइल देके उसको बाइक पर बैठा गया।
उसके कमर पर हाथ रख दिया, ग्रीन टीशर्ट पेहेन था वो, वो बाइक चला रहा था, मै उसके टीशर्ट मैं अंगुठा डाल दिया और सहलाने लगा।
कोई और देखता उनको लगता कि रखा है। उसकी कमर इतनी सॉफ्ट थी कि बस सहलाने मैं अच्छा लग रहा था।
वो और मैं सैनिक पार्क गए भोपाल के,
वह एक टेबल पर जाके बेठा गए।
वो- मेरे दिमाग मे प्लान है। चलो मुम्बई शिफ्ट होते, वहा साथ रहते, और कोई प्रॉब्लम भी नही।
मैं चुप ही रहके सोचने लगा, और अच्छा प्लान लगा, पर एक दम शॉप माँ डैड के बारे मे सोचा।
मैं धीरे से उसको बोला “यार मेरी फैमिली है, नही पोसबिल यह ठीक है”
वो थोड़ा सीरियस होके बोला “ मैं मुंबई शिफ्ट हो रहा जॉब के लिए”
मी-क्यों यहा क्यों नही?
वो- मुझे भोपाल मैं नही रहेना मैत्री सिटी की लाइफ जिनि है।
मैं चुप होकर उसको देखने लगा।
वो- लास्ट टाइम पूछ रहा, चल रहे हो?
मैन भी गहरी सांस लेके बोला
मैं- नही
तभी आसमान मैं जोर से बिजली कड़की और आसमान भी रोने लगा।
वो- ठीक अपना सफर यहा तक था, मुझे वहा लाइफ जिनि है, जिसको लव करता उसके साथ। चलो ड्राप कर देता। काल ट्रैन है मेरी ।
बिजली ऐसे भयानक चमक रही थी पर मेरे दिल मे उठे तूफान से कम ही था, एक मुझे ड्रीम लाइफ मिल रही थी पर फैमिली को देख नही जी सकता था।
उसने मुझे तेज बारिश मैं ड्राप कर दिया।
मैं उसको गले लग गया।
वो- बस कल सुबह प्लेटफॉर्म पर ड्राप कर देना।
मेरे आखों मैं एक दम पानी आ गया।
पर भीगते हुए मेरे आखो का पानी गुम गया उसमे।
वो चला गया, न वो कॉल किया उस रात।
मन मे आया कि माँ को पुछु क्या की शिफ्ट हो जाउ?
पर मैं एकलौता था।
2-3 बजे तक उसके व्हाट्सअप का इंतजार कर रहा था, पर मेरे HI msg का वो रिप्लाई नही दिया।
मैं भी सुबह उठ उसके घर से उसको लेके प्लेटफॉर्म १ पर ले गया भोपाल जंक्शन पर।
आज वो देख रहाथा पर नाराज चेहेरे से।
मेरी आँखें भी नम थी, मैं उसको बोलना चाहता था कि मत जा करके।
पर उसकी लाइफ थी, जॉब था, मैं खुद के बारे मे ही थोड़ी सोच सकता था, रोज़ ट्रेन लेट आती पर आज जल्दी आ गई।
मैं उसको गले लगा लिया, सीट पर समान रखा कर बाहर निकाल आया।
आखो मैं पानी आ गया।
वो भी मुझे देख बोला “चलो साथ”
मेरे आखो से पानी छलक पड़ा, ट्रैन शुरू हो गई।
वो गेट से bye कर रहा था।
मैं भी आँखों मे पानी चेरहे पर हसी लाके बाई कर रहा था।
वह एक टेबल पर जाके बेठा गए।
वो- मेरे दिमाग मे प्लान है। चलो मुम्बई शिफ्ट होते, वहा साथ रहते, और कोई प्रॉब्लम भी नही।
मैं चुप ही रहके सोचने लगा, और अच्छा प्लान लगा, पर एक दम शॉप माँ डैड के बारे मे सोचा।
मैं धीरे से उसको बोला “यार मेरी फैमिली है, नही पोसबिल यह ठीक है”
वो थोड़ा सीरियस होके बोला “ मैं मुंबई शिफ्ट हो रहा जॉब के लिए”
मी-क्यों यहा क्यों नही?
वो- मुझे भोपाल मैं नही रहेना मैत्री सिटी की लाइफ जिनि है।
मैं चुप होकर उसको देखने लगा।
वो- लास्ट टाइम पूछ रहा, चल रहे हो?
मैन भी गहरी सांस लेके बोला
मैं- नही
तभी आसमान मैं जोर से बिजली कड़की और आसमान भी रोने लगा।
वो- ठीक अपना सफर यहा तक था, मुझे वहा लाइफ जिनि है, जिसको लव करता उसके साथ। चलो ड्राप कर देता। काल ट्रैन है मेरी ।
बिजली ऐसे भयानक चमक रही थी पर मेरे दिल मे उठे तूफान से कम ही था, एक मुझे ड्रीम लाइफ मिल रही थी पर फैमिली को देख नही जी सकता था।
उसने मुझे तेज बारिश मैं ड्राप कर दिया।
मैं उसको गले लग गया।
वो- बस कल सुबह प्लेटफॉर्म पर ड्राप कर देना।
मेरे आखों मैं एक दम पानी आ गया।
पर भीगते हुए मेरे आखो का पानी गुम गया उसमे।
वो चला गया, न वो कॉल किया उस रात।
मन मे आया कि माँ को पुछु क्या की शिफ्ट हो जाउ?
पर मैं एकलौता था।
2-3 बजे तक उसके व्हाट्सअप का इंतजार कर रहा था, पर मेरे HI msg का वो रिप्लाई नही दिया।
मैं भी सुबह उठ उसके घर से उसको लेके प्लेटफॉर्म १ पर ले गया भोपाल जंक्शन पर।
आज वो देख रहाथा पर नाराज चेहेरे से।
मेरी आँखें भी नम थी, मैं उसको बोलना चाहता था कि मत जा करके।
पर उसकी लाइफ थी, जॉब था, मैं खुद के बारे मे ही थोड़ी सोच सकता था, रोज़ ट्रेन लेट आती पर आज जल्दी आ गई।
मैं उसको गले लगा लिया, सीट पर समान रखा कर बाहर निकाल आया।
आखो मैं पानी आ गया।
वो भी मुझे देख बोला “चलो साथ”
मेरे आखो से पानी छलक पड़ा, ट्रैन शुरू हो गई।
वो गेट से bye कर रहा था।
मैं भी आँखों मे पानी चेरहे पर हसी लाके बाई कर रहा था।
मैं अपने आँख पोछ अपने घर आया।
और एक एक दिन बीत गए, न उसका कॉल आया न msg आया उसका।
कुछ दिन बाद।
1 मंथ हो गया। वोही तेज बारिश चल रही थी , मैं वही जगह फिर फस गया था और अपने भुट्टे वाला आया सॉन्ग बजाते हुए “जा ए चंदा ले व खबरिया”
रितेश पाण्डे का सांग।
वो सॉन्ग कुछ ज्यादा ही टचिंग लग रहाथा।
मेरे आखो मैं पानी आ गया।
और बस न इधर देखा न उधर तेज बारिश मैं अपने अपने घर चला गया, मेरे से वो सुन्ना नही हुआ।
दूसरे दिन शॉप मैं बेठा था।
तभी पीटर मेरे शॉप आया,
मैं उसको देख एक दम खुश हो गया।
मैं- तुम वापस आ गए ना?मेरे लिए
वो मुझे देखा बोला “ एक oil की बॉटल देना”
मेरा मुह ही उतर गया, वो बोलता “ तुम्हें बोला था पर तुम न बोले”
मैंने आयल की बोटल निकल के उसके हाथ पकड़ा दिया।
फिर मुझे घुस्सा ही आ गया।
शाम के ७ बज गए।
मैं अपने घर जाने के लिए निकला।
तभी रोड के साइड पीटर खड़ा था।
मैं उसको देख इग्नोर किया
वो पिछेसे बोलता “सुबह 10₹ काम दिए तूमने।”
मैं रुक गया, उसको देखा वो भाग कर गले लगा।
वो- I am सॉरी, plz चलो माफ कर दो।
मैं भी उसको गले लगा लिया।
=============================
सीरियल मैं होता सब छोड़ छड़ के दोनों रहेना। but रियल लाइफ मैं फैमिली देखना पड़ता।
थैंक्स फ़ॉर रीड
Your
Niketan Toshan
और एक एक दिन बीत गए, न उसका कॉल आया न msg आया उसका।
कुछ दिन बाद।
1 मंथ हो गया। वोही तेज बारिश चल रही थी , मैं वही जगह फिर फस गया था और अपने भुट्टे वाला आया सॉन्ग बजाते हुए “जा ए चंदा ले व खबरिया”
रितेश पाण्डे का सांग।
वो सॉन्ग कुछ ज्यादा ही टचिंग लग रहाथा।
मेरे आखो मैं पानी आ गया।
और बस न इधर देखा न उधर तेज बारिश मैं अपने अपने घर चला गया, मेरे से वो सुन्ना नही हुआ।
दूसरे दिन शॉप मैं बेठा था।
तभी पीटर मेरे शॉप आया,
मैं उसको देख एक दम खुश हो गया।
मैं- तुम वापस आ गए ना?मेरे लिए
वो मुझे देखा बोला “ एक oil की बॉटल देना”
मेरा मुह ही उतर गया, वो बोलता “ तुम्हें बोला था पर तुम न बोले”
मैंने आयल की बोटल निकल के उसके हाथ पकड़ा दिया।
फिर मुझे घुस्सा ही आ गया।
शाम के ७ बज गए।
मैं अपने घर जाने के लिए निकला।
तभी रोड के साइड पीटर खड़ा था।
मैं उसको देख इग्नोर किया
वो पिछेसे बोलता “सुबह 10₹ काम दिए तूमने।”
मैं रुक गया, उसको देखा वो भाग कर गले लगा।
वो- I am सॉरी, plz चलो माफ कर दो।
मैं भी उसको गले लगा लिया।
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सीरियल मैं होता सब छोड़ छड़ के दोनों रहेना। but रियल लाइफ मैं फैमिली देखना पड़ता।
थैंक्स फ़ॉर रीड
Your
Niketan Toshan
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